दर्शन का ज्ञान शिक्षक के लिए आवश्यक क्यों ?

Authors

  • डॉ. स्वाति प्रिया न्यू होराइजन कॉलेज ऑफ एजुकेशन सिमरिया, टीएमबीयू, भागलपुर, बिहार Author

Keywords:

दर्शन, शिक्षक, शिक्षा, नैतिकता, सामाजिक मूल्य, आदि

Abstract

दर्शन, जिसे 'दर्शन शास्त्र' भी कहा जाता है, मानव जीवन के अद्वितीय अनुभवों, विचारों, और मूल्यों की गहराईयों में जानकारी प्रदान करने का कार्य करता है । यह विशेष रूप से शिक्षकों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उन्हें छात्रों को मानवता, नैतिकता, और सामाजिक मूल्यों के प्रति जागरूक करने में मदद करता है ।

दर्शन का ज्ञान शिक्षकों को विभिन्न धार्मिक, सांस्कृतिक, और नैतिक परंपराओं को समझने में सहायता प्रदान करता है । इसके माध्यम से वे अपने छात्रों को समय-समय पर नई सोच और दृष्टिकोन प्रदान कर सकते हैं, जिससे वे समाज में ठोस नागरिक बन सकें। यह उन्हें शिक्षा में नैतिकता, सामाजिक न्याय, और सहानुभूति के मूल सिद्धांतों की प्रेरणा देता है, जिससे छात्र समाज में उपयुक्त रूप से योगदान कर सकें ।

इसके अलावा, दर्शन का ज्ञान शिक्षकों को छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य, आत्म-समर्पण, और सहयोग के लिए सहायता प्रदान करता है । यह उन्हें छात्रों के साथ अध्ययन करने की प्रेरणा देता है और उन्हें उच्चतम नैतिक मानकों की प्रेरणा प्रदान करता है ।

समापनस्पद शिक्षक वह है जो न केवल अकादमिक ज्ञान का प्रशासन करता है, बल्कि छात्रों को जीवन के मूल्यों और दर्शनिक दृष्टिकोन से भी परिचित कराता है, जिससे वे समृद्ध, समग्र और समरस व्यक्तित्व के साथ समाज में सहयोग कर सकें

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Published

2023-09-30