माध्यमिक स्तर पर योग शिक्षा के पाठ्यक्रम का मूल्यांकनात्मक विश्लेषण
DOI:
https://doi.org/10.61778/ijmrast.v2i11.97Keywords:
योग शिक्षा, माध्यमिक स्तर, पाठ्यक्रम, मूल्यांकनAbstract
शिक्षा को प्रशासनिक एवं मनोवैज्ञानिक दृष्टि से मुख्यतया तीन स्तरों प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च स्तर में विभाजित किया गया है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि माध्यमिक स्तर प्राथमिक शिक्षा व उच्च शिक्षा के बीच का शैक्षिक स्तर है, जिसमें सामान्यतः कक्षा 6 से 12 तक की शैक्षिक व्यवस्था आती है। माध्यमिक स्तर पर अध्ययन करने वाले विद्यर्थियों की अवस्था 12 वर्ष से 18 वर्ष के बीच की होती है। किसी भी शैक्षिक स्तर की शैक्षिक गतिविधियों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए एक व्यवस्थित पाठ्यक्रम की आवश्यकता होती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुसार स्कूली शिक्षा के लिए पाठ्यक्रम, शैक्षणिक ढाँचे और पाठ्यक्रम रूपरेखा को एक 5़3़3़4 डिजाईन में मार्गदर्शित होगी। योग शिक्षा प्राचीन भारतीय परंपराओं में से एक सर्वोत्तम उपलब्धि है, जो हमंे वैश्विक पटल पर गौरवान्वित करती है।
माध्यमिक स्तर पर विभिन्न बोर्डों में योग शिक्षा के पाठ्यक्रम की वर्तमान स्थिति का विश्लेषण करते हैं तो पाते हैं कि यू0पी0 बोर्ड में वर्ष 2019-20 के सत्र् में ”नैतिक, योग, खेल एवं शारीरिक शिक्षा“ विषय नामक शीर्षक के अंतर्गत ही योग शिक्षा भी समाहित है। ”योग शिक्षा“ का स्वतंत्र विषय के रूप में कोई अस्तित्व नहीं है। योग शिक्षा यू0पी0 बोर्ड में माध्यमिक स्तर पर ”नैतिक, योग, खेल एवं शारीरिक शिक्षा“ नामक विषय के अंतर्गत ही एक उपविषय के रूप में सम्मिलित है। सी0बी0एस0ई0 बोर्ड में माध्यमिक स्तर पर “योग शिक्षा“ विषय ”योगा“ नामक शीर्षक के अंतर्गत एक स्वतंत्र विषय के रूप में सम्मिलित है। आई0सी0एस0ई0 बोर्ड में भी योग शिक्षा ”शारीरिक शिक्षा” नामक शीर्षक के अंतर्गत ही उसके एक भाग के रूप में समाविष्ट है। आई0सी0एस0ई0 बोर्ड में भी ”योग शिक्षा“ नामक विषय का स्वतंत्र रूप से अपना कोई अस्तित्व नहीं है। विभिन्न बोर्डों के पाठ्यक्रमों का विश्लेषण करने पर पाते हैं कि सभी बोर्डो में योग शिक्षा के पाठ्यक्रमों की स्थिति भिन्न-भिन्न है। विभिन्न बोर्डों में कहीं “योग शिक्षा“ नामक विषय के पाठ्यक्रम को पूर्ण विषय के रूप में स्थान दिया गया है तो कहीं आंशिक रूप से स्थान दिया गया है। जिस प्रकार योग शिक्षा की लोकप्रियता बढ़ रही है। वह दिन दूर नहीं जब निकट भविष्य में योग शिक्षा एक स्वतंत्र विषय के रूप में माध्यमिक स्तर पर भी सभी बोर्डो में अपना स्थान बना पायेगी।
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