भारतीय राजनीति में महिलाओं की भूमिका: पंचायती राज के विशेष संदर्भ में
DOI:
https://doi.org/10.61778/ijmrast.v2i10.88Abstract
भारत में महिलाओं की भूमिका राजनीति में लगातार बढ़ी है, और पंचायती राज संस्थाओं में उनका योगदान महत्वपूर्ण रहा है। 73वीं संविधान संशोधन (1992) के माध्यम से महिलाओं को पंचायतों में 33% आरक्षण मिला, जिससे उनके राजनीतिक सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए। इस संशोधन ने महिलाओं को पंचायतों के विभिन्न पदों पर प्रतिनिधित्व दिया, जैसे प्रधान, उप-प्रधान, और वार्ड सदस्य। इससे महिलाओं को ग्रामीण स्तर पर नेतृत्व का अवसर मिला, जिससे उनके सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक बदलाव की दिशा में सकारात्मक प्रभाव पड़ा। पंचायती राज संस्थाओं में महिला नेताओं ने अपने कार्यों से ग्रामीण विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उदाहरण स्वरूप, कई महिला प्रधानों ने शिक्षा की दर में सुधार, जल आपूर्ति परियोजनाओं और महिलाओं के लिए स्व-सहायता समूहों की स्थापना की। महिलाओं के नेतृत्व से पंचायतों में निर्णय लेने की प्रक्रिया में पारदर्शिता और प्रभावी बदलाव आया। इस प्रकार, पंचायती राज में महिलाओं का सशक्तिकरण भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन को दर्शाता है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के अधिकारों और समृद्धि को सुनिश्चित करता है।
बीज शब्दः महिलाओं की भूमिका, राजनीति] ग्रामीण क्षेत्र, पंचायती राज
Downloads
Published
Issue
Section
License
Copyright (c) 2024 International Journal of Multidisciplinary Research in Arts, Science and Technology

This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial 4.0 International License.