हिन्द महासागर क्षेत्र में बढ़ते सैन्य उपकरण से भारत के समक्ष उभरती सुरक्षा चुनौतियाँ
DOI:
https://doi.org/10.61778/ijmrast.v2i8.74Keywords:
सैन्यकरण, भारत, अमेरिका, चीन, रूसAbstract
हिन्द महासागर क्षेत्र (आईओआर) समकालीन अन्तर्राष्ट्रीय सुरक्षा वातावरण में रणनीतिक प्रतिस्पर्धा का एक महत्वपूर्ण केन्द्र बनता जा रहा हैं। इस क्षेत्र की समुद्री भूगोल और प्रमुख वैश्विक शक्तियों अमेरिका, चीन, भारत, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस और ब्रिटेन और अन्य तटीय देशों के विभिन्न प्रकार के सुरक्षा हित हिंद महासागर क्षेत्र से जुड़े हैं। चीन, विशेष रूप से, आईओआर में एक बड़ी सैन्य उपस्थिति और अधिक मजबूत परिचालन पैर जमाने की कोशिश कर रहा है, जिससे क्षेत्र में संयुक्त राज्य अमेरिका की रणनीतिक रुचि बढ़ रही है। प्रत्येक देश अपनी ऊर्जा आपूर्ति और व्यापार की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सैन्यीकरण करने में लगा हुआ है जिसे उसकी व्यापार तथा ऊर्जा आपूर्ति को सुनिश्चित किया जा सके जिसे हिंद महासागर क्षेत्र में एक रणनीतिक प्रतिस्पर्धा का जन्म हुआ है। जिसने भारत भारत की सुरक्षा पर भी गंभीर रूप से प्रभाव डाला है जिस कारण भारत के समक्ष अपनी व्यापारिक सुरक्षा के साथ-साथ अन्य चुनौतियों पर भी ध्यान देना पड़ रहा है जिसमें चीन के सिं्ट्रग ऑफ पर्ल रणनीति, समुद्री आतंकवाद, तस्करी, मादक द द्रव्यों का व्यापार और पर्यावरणीय चुनौतियां शामिल हैं और व विभिन्न चुनौतियों का सामना करते हुए भारत किस प्रकार तेजी से हिंद महासागर में एक शक्ति के रूप में उभर रहा है प्रस्तुत शोध पत्र में इसी विषय का विश्लेषणात्मक तथा व्याख्यात्मक रूप से वर्णन किया गया है।
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