ग्रामीण विकास व सामाजिक परिवर्तन में संचार प्रौद्योगिकी

Authors

  • डॉ० प्रमोद कुमार सिंह शोध निर्देशक, एसो० प्रोफेसर-समाजशास्त्र, के.एन.आई.पी.एस.एस. सुलतानपुर Author
  • एकता सिंह शोधार्थिनी-समाजशास्त्र, डॉ.रा.म.लो. अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या, उ.प्र. Author

DOI:

https://doi.org/10.61778/ijmrast.v2i5.56

Keywords:

ग्रामीण समाज, सामाजिक परिवर्तन, विज्ञान-प्रौद्योगिकी और उसके साधन, इलेक्ट्रानिक माध्यम, वैयक्तिक और वैकल्पिक माध्यम, सरकार द्वार चलायी जा रही कृषि प्रौद्योगिकी योजनाएँ, निष्कर्ष

Abstract

सामाजिक शक्तियों के द्वारा ही संस्कृति का निर्माण होता है। ये शक्तियाँ ही प्रविधियों और मूल्यों के प्रसार का माध्यम बनकर कार्य का सम्पादन करती हैं। इसके ही अन्योन्य-क्रिया द्वारा ही परिवर्तन की प्रक्रिया सम्पन्न होती है। अलग-अलग व्यक्तियों और व्यक्ति-समूहों के विचारों और क्रियाओं के योग से संस्कृति का गठन होता है। सामाजिक समूहों में, अभिरुचियों का निरन्तर अन्तद्र्वन्द्व चलता रहता है जिसके द्वारा भी परिवर्तन की प्रक्रिया संचालित होती रहती है। संस्कृति में परिवर्तन होने पर नयी आवश्यकताओं का जन्म होता है। अनुसारतः उनकी पूर्ति के लिए ही अनेक प्रयत्न की आवश्यकता होती है। सामाजिक-सांस्कृतिक मूल्य भी क्रमशः बदलते हैं। सामाजिक-संस्कृति परिवर्तन के साथ-साथ शैक्षिक परिवर्तन भी होते हैं। प्रायः यह सामाजिक परिवर्तन के पश्चात् की प्रक्रिया होती है। शैक्षिक परिवर्तन में आधुनिक संचार माध्यमों, विज्ञान और प्रौद्योगिकी साधनों की भूमिका निःसन्देह सिद्ध है।

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Published

2024-05-28

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Articles