नई शिक्षा नीति 2020 और शिक्षक

Authors

  • डॉ. लोहंस कुमार कल्याणी असिस्टेंट प्रोफेसर, बी.एड. विभाग, श्री लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कॉलेज, गोंडा, (उ.प्र.) Author

DOI:

https://doi.org/10.61778/ijmrast.v1i5.24

Keywords:

राष्ट्रीय शिक्षा नीति, स्कूल शिक्षा, शिक्षक, नवाचारी विधि, समता, आदि

Abstract

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP-2020) को कुल चार भागों क्रमशः स्कूल शिक्षा, उच्चतर शिक्षा, अन्य केन्द्रीय विचारणीय मुद्दे एवं क्रियान्वयन की रणनीति में विभक्त किया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के पी.डी.एफ. प्रारूप में हिन्दी पाठ कुल 107 पृष्ठों में जबकि अंग्रेजी पाठ कुल 65 पृष्ठों में समाहित है । स्कूल शिक्षा सम्बन्धी प्रावधानों को कुल आठ अध्यायों के 143 बिन्दुओं में, उच्चतर शिक्षा सम्बन्धी प्रावधानों को कुल ग्यारह अध्यायों के 99 बिन्दुओं में, अन्य केन्द्रीय विचारणीय मुद्दे सम्बन्धी प्रावधानों को कुल पाँच अध्यायों के 54 बिन्दुओं में एवं क्रियान्वयन की रणनीति को कुल तीन अध्यायों के 12 बिन्दुओं में प्रस्तुत किया गया है ।

निश्चय ही इस शिक्षा नीति का उद्देश्य ऐसे उत्पादक नागरिकों को तैयार करना है जो भारतीय संविधान द्वारा संकल्पित न्यायसंगत समावेशी व बहुलतावादी समाज के निर्माण में बेहतर तरीके से योगदान कर सकें । इस क्रम में यह कहना उचित व आवश्यक होगा कि जिस शिक्षण संस्था में प्रत्येक छात्र का स्वागत किया जाता है व उनकी उचित देखभाल की जाती है, जहाँ एक सुरक्षित व प्रेरणादायक शिक्षण वातावरण होता है, जहाँ छात्रों को सीखने के विविध प्रकार के अनुभव प्रदान किये जाते हैं एवं जहाँ अधिगम हेतु बुनियादी ढाँचा व उपयुक्त संसाधन उपलब्ध होते हैं, उसे ही एक अच्छी शैक्षणिक संस्था माना जा सकता है । अतः सभी संस्थाओं का लक्ष्य इन सुविधाओं को जुटाना एवं विभिन्न संस्थानों के साथ जुड़ाव व समन्वय बनाना होना चाहिए । शिक्षा व्यवस्था में लाये जाने वाले बदलावों के केन्द्र में शिक्षक समुदाय को रखना न केवल आवश्यक वरन अपरिहार्य होता है । वस्तुतः शिक्षा के क्षेत्र के सभी परिवर्तन बदलाव या नवोन्मेश प्रत्यक्ष अथवा परोक्षतः किसी न किसी रूप में शिक्षकों से सदर्भित रहते है । इसलिए शिक्षकों की मान-मर्यादा, सम्मान, आत्मनिर्भरता, स्वायत्तता व सक्षमता को भी सुनिश्चित करना जरूरी है ।

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Published

2023-12-29