भारत में जनजातियों का संरक्षण समस्याएं एवं मुद्दे
DOI:
https://doi.org/10.61778/ijmrast.v3i9.182Keywords:
जनजातीय विकास, नीति निर्धारण प्रभावशीलता, संरक्षण, समावेशी विकास, सरकारी नीतियाँ।Abstract
यह शोध पत्र भारत की जनजातियों के संरक्षण, समस्याएं व मुद्दों का विश्लेषणात्मक अध्ययन के लिए प्रस्तुत किया जा रहा है। 1994 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा 9 अगस्त को विश्व जनजाति दिवस व 15 नवंबर 2021 में भारत में जनजाति गौरव दिवस की घोषणा की गई। इस प्रकार के दिवस घोषित करने व अन्य सरकारी कार्यक्रमों की सार्थकता की जांच के लिए शोधपत्र प्रस्तुत किया जा रहा है। भूतकाल में जनजातियों की क्या स्थिति थी? सरकारी योजनाएं कितनी सफल रही है? और भविष्य की चुनौतियों का सामना किस प्रकार किया जाना चाहिए? आदि प्रश्नों के उत्तर खोजने का प्रयास इस शोध पत्र में किया गया है।
पूर्व औपनिवेशिक, उत्तर औपनिवेशिक व वर्तमान परिपेक्ष में जनजातियों की स्थिति स्पष्ट करते हुए शिक्षा, स्वास्थ्य, नीतियां, कार्यक्रम व जनजाति समाज पर प्रभाव आदि मुद्दों पर चर्चा की गई है। यह शोध पत्र जनजातियों के चौमुखी विकास के लिए सिफारिश प्रस्तुत करने के साथ-साथ समावेशी विकास के मुद्दों के महत्व का विश्लेषण करके भविष्य के लिए समाधान प्रस्तुत करता है।
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