संधारणीय जीवन और ICT का प्रभाव एक समीक्षात्मक अध्ययन
DOI:
https://doi.org/10.61778/ijmrast.v3i6.145Keywords:
ग्रीन कचरा, ऊर्जा खपत, ई गवर्नेस, पारिस्थितिकीय संतुलन, डिजिटल लेनदेनAbstract
यह शोध पत्र संधारणीय जीवनशैली को प्रोत्साहित करने में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) की भूमिका का समीक्षात्मक विश्लेषण प्रस्तुत करता है। वर्तमान युग में ICT केवल संचार का माध्यम नहीं, बल्कि एक ऐसा सशक्त उपकरण बन चुका है जो सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखने में सहायक सिद्ध हो रहा है। इस अध्ययन में पाया गया है कि ICT माध्यम से संसाधनों के दक्ष प्रबंधन, ऊर्जा संरक्षण, और डिजिटल शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार संभव हुआ है, जिससे सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिल रही हैं।
ICT आधारित समाधान जैसे स्मार्ट ग्रिड, ई-गवर्नेस, डिजिटल लेन-देन, और रिमोट सेंसिंग तकनीकों ने प्रदूषण को नियंत्रित करने, कागज़ की खपत को घटाने और परिवहन प्रणालियों को अधिक ऊर्जा-कुशल बनाने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। साथ ही, कृषि और जल प्रबंधन में ICT आधारित उपकरणों का उपयोग उत्पादकता और पारिस्थितिकीय संतुलन के बीच सामंजस्य स्थापित करने में सहायक रहा है।
हालाँकि, यह भी ध्यान देने योग्य है कि ICT के बढ़ते प्रयोग से ई-कचरा और ऊर्जा खपत जैसी नई पर्यावरणीय समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं। इस संदर्भ में, ICT का हरित (ग्रीन) और उत्तरदायी उपयोग अत्यंत आवश्यक है।
अंततः, यह अध्ययन निष्कर्ष प्राप्त होता है कि यदि ICT का नियोजित और संतुलित उपयोग किया जाए, तो यह न केवल वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकताओं को पूरा कर सकता है, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी एक सुरक्षित और संधारणीय जीवन सुनिश्चित कर सकता है।
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