भारतीय हिंदी एनीमेशन फिल्मों में पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव
DOI:
https://doi.org/10.61778/ijmrast.v3i3.137Keywords:
सिनेमा, एनीमेशन, पुराण, महाकाव्य, परंपरा, संस्कृति, नैतिक मूल्य, ज्ञान, वीएफएक्स ।Abstract
यह शोध पत्र वर्तमान भारतीय एनिमेशन सिनेमा में निर्मित हो रही पौराणिक फिल्मों का विश्लेषण करने का प्रयास है। आज का दौर आधुनिकीकरण का दौर है । इस आधुनिक समय में भारतीय जन- मानस अपनी परंपरा, संस्कृति और ज्ञान की अपेक्षा पाश्चात्य संस्कृति की ओर अधिक अग्रसर है, जिसका प्रभाव सिनेमा में परिलक्षित होता है। वर्तमान एनिमेशन सिनेमा में पौराणिक विषयों से प्रेरित फिल्मों का निर्माण अधिक मात्रा मे किया जा रहा है । ये फिल्में पारंपरिक महाकाव्यों, पौराणिक कथाओं, पात्रों और रूपांकनों को सरल, समझने योग्य और आकर्षक ढंग से पुनर्निर्मित और प्रस्तुत करती है । इन एनिमेटेड फिल्मों के माध्यम से बाल व युवा वर्ग को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से परिचित कराया जा रहा है । यह एनीमेशन सिनेमा बच्चों के अतिरिक्त बड़ों को भी अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। एनीमेशन सिनेमा ने व्यक्ति के मन की कल्पनाओं को रचनात्मक ढंग से प्रस्तुत करने का कार्य किया है। प्रस्तुत शोध पत्र में एनीमेशन फिल्मों में अंतरनिहित विषयों, चरित्रों, संदेशों, संवाद, कला एवं तकनीक पर पाश्चात्य सिनेमा के प्रभावों को जानने का प्रयास किया जा रहा है साथ ही साथ यह भी समझने का प्रयास किया जा रहा है कि इस तरह के चित्रण बच्चों की पौराणिक कथाओं , संस्कृति और मूल्य प्रणाली की समझ को किस प्रकार प्रभावित कर रहे हैं।
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