बिहार के दरभंगा जिले में जलवायु परिवर्तन और आर्द्रभूमि ह्रास: पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं तथा स्थानीय समुदायों पर प्रभावों का मूल्यांकन
DOI:
https://doi.org/10.61778/ijmrast.v3i2.121Keywords:
आर्द्रभूमि ह्रास, जैव विविधता, जलवायु परिवर्तन, पारिस्थितिकी तंत्र इत्यादि।Abstract
बिहार राज्य के दरभंगा ज़िले की आर्द्रभूमियाँ बाढ़ न्यूनीकरण, जैव विविधता संरक्षण और स्थानीय आजीविका के समर्थन में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। किन्तु जलवायु परिवर्तन के कारण वर्षा पैटर्न में असामान्यता, बाढ़ की बढ़ती आवृत्ति और मानव जनित गतिविधियाँ जैसे अतिक्रमण एवं प्रदूषण इन आर्द्रभूमियों के तीव्र ह्रास का कारण बन रही हैं। यह शोध पत्र इन परिवर्तनों का पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं जैसे जल शुद्धिकरण, बाढ़ नियंत्रण, जलवायु रेगुलेटर, आवास उपलब्धता तथा स्थानीय समुदायों पर पड़ने वाले प्रभावों का मूल्यांकन करता है। इस अध्ययन में दरभंगा जिले के 18 प्रखंडों में आर्द्रभूमि क्षरण की स्थिति का विश्लेषण किया गया है। 1970 के दशक से अब तक 35 प्रतिशत तक आर्द्रभूमियाँ समाप्त हो चुकी हैं, जिससे बाढ़ की संवेदनशीलता एवं विभिन्न आर्थिक कठिनाइयाँ बढ़ी हैं। इस समस्या के समाधान हेतु एकीकृत आर्द्रभूमि प्रबंधन, समुदाय आधारित पुनर्स्थापन तथा जलवायु-संवेदनशील नीतियों को अपनाने की अनुशंसा की गयी है।
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