पंडित रविशंकर जी का व्यक्तित्व और कृतित्व
DOI:
https://doi.org/10.61778/ijmrast.v2i12.100Keywords:
भारतीय शास्त्रीय संगीत, पंडित रविशंकर, योगदानAbstract
भारतीय शास्त्रीय संगीत में पंडित रविशंकर को 20 वीं सदी के उत्तरार्द्ध के शीर्ष सितार वादकों में से एक माना जाता है। उन्होने आलाप खंड के लिए सितार के बेस आॅक्टेव पर प्रदर्शन को लोकप्रिय बनाया और मध्य और उच्च के रजिस्टरों में एक विशिष्ट वादन शैली के लिये जाने गये। शंकर ने अपने समकालीनों से अलग एक शैली विकसित की और कर्नाटक संगीत की लय प्रथाओं प्रभावों को शामिल किया। शंकर ने भारतीय शास्त्रीय संगीत बजाते हुए यूरोप और अमेरिका का दौरा करना शुरू किया तथा शिक्षण, प्रदर्शन और प्रसिद्व वायलिन वादक येहुदी मेनुहिन और बीटल्स गिटारवादक जाॅर्ज हैरिसन के साथ अपने सहयोग के माध्यम से वहाँ इस संगीत की लोकप्रियता में इजाफा किया। पश्चिमी पाॅप संगीत में भारतीय वाद्ययंत्रों के उपयोग को लोकप्रिय बनाने में मदद की।
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