पंडित रविशंकर जी का व्यक्तित्व और कृतित्व

Authors

  • प्रो0 शैफाली यादव प्राचार्य, कुँ0आर0सी महिला डिग्री काॅलेज, मैंनपुरी, उत्तर प्रदेश। Author
  • कु0 रंगोली यादव प्रवक्ता, संगीत विभाग, कुँ0आर0सी महिला डिग्री काॅलेज, मैंनपुरी, उत्तर प्रदेश। Author

DOI:

https://doi.org/10.61778/ijmrast.v2i12.100

Keywords:

भारतीय शास्त्रीय संगीत, पंडित रविशंकर, योगदान

Abstract

भारतीय शास्त्रीय संगीत में पंडित रविशंकर को 20 वीं सदी के उत्तरार्द्ध के शीर्ष सितार वादकों में से एक माना जाता है। उन्होने आलाप खंड के लिए सितार के बेस आॅक्टेव पर प्रदर्शन को लोकप्रिय बनाया और मध्य और उच्च के रजिस्टरों में एक विशिष्ट वादन शैली के लिये जाने गये। शंकर ने अपने समकालीनों से अलग एक शैली विकसित की और कर्नाटक संगीत की लय प्रथाओं प्रभावों को शामिल किया। शंकर ने भारतीय शास्त्रीय संगीत बजाते हुए यूरोप और अमेरिका का दौरा करना शुरू किया तथा शिक्षण, प्रदर्शन और प्रसिद्व वायलिन वादक येहुदी मेनुहिन और बीटल्स गिटारवादक जाॅर्ज हैरिसन के साथ अपने सहयोग के माध्यम से वहाँ इस संगीत की लोकप्रियता में इजाफा किया। पश्चिमी पाॅप संगीत में भारतीय वाद्ययंत्रों के उपयोग को लोकप्रिय बनाने में मदद की।

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Published

2024-12-31

How to Cite

पंडित रविशंकर जी का व्यक्तित्व और कृतित्व. (2024). International Journal of Multidisciplinary Research in Arts, Science and Technology, 2(12), 21-26. https://doi.org/10.61778/ijmrast.v2i12.100