[1]
“भारतीय लोकतांत्रिक संस्थानों की प्रासंगिकता और संवैधानिक समीक्षा की आवश्यकता: एक सैद्धांतिक विश्लेषण”, IJMRAST, vol. 3, no. 5, pp. 61–73, May 2025, doi: 10.61778/ijmrast.v3i5.142.